
कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये,
वक्त ने बदल दिया मेरा चेहरा कुछ इस तरह,
घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये ।
घर की हर चीज़ ने पूछा, मेरे करीब आकर
आप क्यों इतने महीनों बाद आये ।
दीवारें भी मिली जी भर के गले मुझसे,
फिर देर रात आसमान से चंदा और तारे
मुझसे मिलने मेरे घर की छत पर आये ।
कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये,
वक्त ने बदल दिया मेरा चेहरा कुछ इस तरह,
घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये ।
दीवारें भी मिली जी भर के गले मुझसे,
ReplyDeleteफिर देर रात आसमान से चंदा और तारे
मुझसे मिलने मेरे घर की छत पर आये ।
कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये,...
Bahut sundar ..
Holi hay...!
@ दर्शन कौर जी :
ReplyDeleteअपने घर में भी मेहमान नज़र आते हैं,
बदले-बदले से हालात नज़र आते हैं।
"मेरे शब्दों" तुम्हारा दिल से शुक्रिया,
मेरी ज़िन्दगी का हाल कह जाते हैं ।