Saturday, March 19, 2011

"कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये...."



कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये,
वक्त ने बदल दिया मेरा चेहरा कुछ इस तरह,
घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये

घर की हर चीज़ ने पूछा, मेरे करीब आकर
आप क्यों इतने महीनों बाद आये ।
दीवारें भी मिली जी भर के गले मुझसे,
फिर देर रात आसमान से चंदा और तारे
मुझसे मिलने मेरे घर की छत पर आये ।

कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये,
वक्त ने बदल दिया मेरा चेहरा कुछ इस तरह,
घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये ।

2 comments:

  1. दीवारें भी मिली जी भर के गले मुझसे,
    फिर देर रात आसमान से चंदा और तारे
    मुझसे मिलने मेरे घर की छत पर आये ।
    कई दिनों के बाद जब हम अपने घर आये,...

    Bahut sundar ..

    Holi hay...!

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  2. @ दर्शन कौर जी :
    अपने घर में भी मेहमान नज़र आते हैं,
    बदले-बदले से हालात नज़र आते हैं।
    "मेरे शब्दों" तुम्हारा दिल से शुक्रिया,
    मेरी ज़िन्दगी का हाल कह जाते हैं ।

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