Friday, May 27, 2011

"इस तरह फिर दिल को सज़ा देते हैं...."

"हर किसी को अपना समझ लेते है,
इस तरह फिर दिल को सज़ा देते हैं ,
गलती हम यह बार-बार करते हैं ,
आँखें रोती हैं फिर उम्र भर ,
लब मगर हमेशा मेरे मुस्कराते हैं। "

6 comments:

  1. @ Sunil Ji : Phir Bhi Muskarna Hai.....

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  2. @ Sushma Ji : Ab To Is Tarah Se Muskarane Ki Aadat Si Ho Gayi Hai....

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  3. @ Apanatva Ji: Jo Anubhav Kiya Hai, Vahi Likhne Ki Koshish Ki Hai ....Aapka Hraday Se Atyant Aabhar..

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