Wednesday, October 24, 2012

"तब गीत मेरे गुनगुनायेंगे लोग ..."

कोई किसी को याद नहीं करेगा ,
यह ग़लत कहते है लोग।
ज़िन्दगी भर याद आयेगें ,
मुझे आप सब लोग।
शायद मुझे भी याद करेंगे ,
मेरे जाने के बाद "कुछ" लोग।
जब खामोश हो जाऊंगा मै ,
तब गीत मेरे गुनगुनायेंगे लोग।
चला जाऊंगा इस शहर से जब मै,
मेरे कदमों के निशान ढूढेंगे लोग।
मैं हूँ एक पेड़ चंदन का,
इसलिए मेरे करीब नहीं आते है लोग।
पत्थर पर घिस कर जब फना  जाऊंगा मै,
तब मुझे माथे पर लगायेंगे लोग।
आसमान से टूटता हुआ तारा हूँ,
एक दिन टूट जाऊंगा मै ।
खुशी बहुत है इस बात की "राज" को मगर
देखकर मुझे अपनी मुरादें पूरी  कर लेंगे लोग।
( Shalabh Gupta "Raj")
 

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