Friday, June 12, 2015

"बंज़र जीवन .."

"यदि आँखों में किसी की कोई नमी नहीं हैं।
धरती उस दिल की फिर उपजाऊ नहीं है।
संवेदनाओं का एक भी पौधा अंकुरित होता नहीं जहाँ,
ऐसा बंज़र जीवन जीने के योग्य नहीं हैं।"
( Shalabh Gupta "Raj")

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