[१]
"बेटी" सिर्फ एक शब्द नहीं,
खुशियों का पावन नाम है ।
उससे ही है पूजा-आरती,
वह घर तीरथ-धाम है ।
[२]
तुलसी का पौधा ज़रूरी नहीं,
जहाँ बेटी का जन्म हो जाता है ।
जिस घर में होती है "बेटी",
वह घर मंदिर हो जाता है ।
(शलभ गुप्ता)
"बेटी" सिर्फ एक शब्द नहीं,
खुशियों का पावन नाम है ।
उससे ही है पूजा-आरती,
वह घर तीरथ-धाम है ।
[२]
तुलसी का पौधा ज़रूरी नहीं,
जहाँ बेटी का जन्म हो जाता है ।
जिस घर में होती है "बेटी",
वह घर मंदिर हो जाता है ।
(शलभ गुप्ता)
बिलकुल सच कहा है ... वो घर मंदिर सा ही है जहाँ बेटियाँ होती हैं ...
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