Sunday, September 24, 2017

"गीत नये लिखने आया हूँ.."

"शलभ" नाम है मेरा,
बड़ी दूर से आया हूँ।
कंकरीट के शहर को,
अपना बनाने आया हूँ।
बहुत तपिश है यहाँ,
संग बारिशें लाया  हूँ।  
गीत नये लिखने आया हूँ।
कवितायेँ सुनाने आया हूँ।
@ शलभ गुप्ता 



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