Tuesday, December 3, 2019

"माँ"

बच्चे नहीं जानते,
कि बच्चे क्या होते हैं।
दर्द होता है उनको,
नैन माँ के बरसते हैं।
दर्द में भी रात को,
सकूं से सो जाते हैं।
बच्चों के सिर को जब,
माँ के जादुई हाथ दुलारते हैं।
बोल  नहीं पाते हैं तो क्या,
माँ की लोरी को तो बस,
नन्हें बच्चे ही समझते हैं।
कितना ज़रूरी है घर में,
एक अदद "माँ" का होना।
इस बात की अहमियत को ,
घर के सब लोग समझते हैं। 

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