Tuesday, October 26, 2021

"चाँद.."

कल बहुत नखरे थे चाँद के,
बहुत देर तक दिखाई दिए नहीं। 
आज तन्हा रह गए आसमान में,
और देखने वाला कोई नहीं। 
(दिनांक : २५ अक्टूबर २०२१, 
करवाचौथ से बाद, रात्रि का चाँद)

No comments:

Post a Comment