शायद, गलत कहते हैं लोग,
कि समय के साथ,
यादें भी धुँधली हो जाती हैं।
यादों की उम्र तो,
जीवन से भी ज्यादा होती है।
कुछ बातें कुछ यादें,
उम्र भर साथ रहती हैं।
कई बार तो कुछ यादें,
कई जन्मों तक साथ निभाती हैं।
याद भी वो ही आते हैं अक्सर,
तो हमसे बिछुड़ जाते हैं।
और जब तक मिलते नहीं,
यादों के कारवां संग चलते हैं।
जन्म जन्मांतर के रिश्ते हैं,
किसी ना किसी जन्म में,
वो लोग फिर ज़रूर मिलते हैं।
सही कहा ना मैंने, है ना !
(शेष फिर..)
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