Sunday, November 21, 2021

"मेरी महफ़िल में,.."

[१]
बाकी सब कवितायेँ भ्रम हैं,
बस यही कहानी सच है। 
[२]
मेरी महफ़िल में,
तुम्हारी गैर मौजूदगी,
इतना नहीं खलती मुझे। 
मगर जब तुम आ जाती हो,
तब तुम्हारा किसी गैर से बात करना,
सच में, बहुत खलता है मुझे। 

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