Sunday, December 13, 2009

"हर साँस मेरी , एक ऐसी कहानी लिख रही ..."



यात्रा अनवरत चल रही,
जीवन वृतान्त कह रही।
संकरा हुआ रास्ता हर मोड़ पर,
कदमों की गति निरंतर,
मंजिल की ओर बढ़ रही।
यात्रा अनवरत चल रही,
जीवन वृतान्त कह रही।
जीवन की मेरी गलतियाँ,
मेरा संबल बन रहीं।
मेरे पैरों के छालों को,
अब धरती भी अनुभव कर रही।
रास्ते की हर ठोकर,
"राज" को और भी निखार रही।
याद रहेगी दुनिया को सदियों तक,
हर साँस मेरी ,
एक ऐसी कहानी लिख रही।
यात्रा अनवरत चल रही,
जीवन वृतान्त कह रही।

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