Monday, March 14, 2022

"स्त्री के मन की बातें.."

आज भी दुनिया में,
कुछ कह नहीं पाती हैं। 
कहाँ सुनी जाती हैं,
स्त्री के मन की बातें। 
एक ही दिन क्यों,
हर दिन है उनका,
भ्रमित कर रहे नारे,
झूठी हैं सब की बातें। 

(विश्व महिला दिवस पर, 
सभी मातृशक्ति को समर्पित) 

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