Monday, March 28, 2022

"धूप.."

ज़िम्मेदारियाँ,
जीवन की,
कुछ इस तरह,
निभाईं मैंने। 
उसे बैठाकर,
ठंडी छाँव में,
खुद के लिए फिर,
धूप चुन ली मैंने।  

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