Tuesday, March 22, 2022

"आँखों का पानी .."

नदिया, पोखर, सागर,
तुम्हारी बातें,
अब हम किससे कहें। 
यहाँ तो,
लोगों की आँखों का,
पानी भी अब कम,
होने लगा है। 
(विश्व जल दिवस पर लिखी कुछ पंक्तियाँ)

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