Wednesday, March 2, 2022

"युद्ध.."

युद्ध हास परिहास का विषय नहीं।
इससे हासिल किसी को कुछ नहीं।
यह दे जाता है खून से भरी सड़कें,
सूनी मांग, अनाथ बच्चे, जिंदा लाशें।
और लोग लिखे रहे इस पर चुटकुले,
यह मुझको कदापि ठीक लगता नहीं।
युद्ध हास परिहास का विषय नहीं।
इससे हासिल किसी को कुछ नहीं।
हमारे देश के बच्चे भी हैं वहां पर,
सरकार उनको सुरक्षित ला रही।
युद्ध कहीं भी होता है अगर "शलभ",
प्रभावित उससे सारी दुनिया हो रही।
युद्ध हास परिहास का विषय नहीं।
इससे हासिल किसी को कुछ नहीं।
रक्त रंजित हो रही यह पावन धरा,
सम्पूर्ण विश्व को परिवार मानते नहीं।
जीत लो देश और दुनिया को तुम,
फिर भी मानवता से ऊपर कुछ नहीं।
युद्ध हास परिहास का विषय नहीं।
इससे हासिल किसी को कुछ नहीं।
© शलभ गुप्ता

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