Monday, October 2, 2023

"अनुवाद.."

सरल है बहुत किसी के,
शब्दों का अनुवाद करना। 
ख़ामोशी को समझना "शलभ",
हर किसी के बस की बात नहीं। 

विगत ३० सितम्बर को अनुवाद दिवस था,
तब यह पंक्तियों का सृजन हुआ। 

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