Wednesday, June 24, 2009

"प्यार" एक खूबसूरत अहसास है......



कुछ महीने पहले , एक पत्रिका को पढ़ते हुये एक पंक्ति पर मेरी निगाहें ठहर गयीं थी।
वह पंक्ति थी --"इश्क, दौलत और जवानी तीनो अंधे होते हैं, इनकी आँखें नहीं होती हैं।"
उस को पढने के बाद मेरे मन ने कुछ शब्द बुने थे , उन शब्दों को इस कविता के रूप में आपके साथ share करना चाहता हूँ।
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इश्क अँधा नहीं, इश्क “मासूम” है ,
आंखों से देख कर दिल में समाने वाला ,
एक खूबसूरत सा एहसास है।
खुशनसीब हैं वो लोग , जिनके पास यह एहसास है।
इश्क अँधा नहीं , इश्क “खामोश” है ,
बिना कुछ कहे बहुत कुछ समझने का एहसास है।
खुशनसीब है वो लोग , जिनके साथ यह एहसास है।
इश्क अँधा नहीं , इश्क “इंतज़ार” है ,
किसी नज़र को, आज भी किसी का इंतज़ार है।
खुशनसीब है वो लोग ,
जो आज भी करते किसी का इंतज़ार है।
इश्क अँधा नहीं , इश्क एक “कसम” है,
खुशनसीब हैं वो लोग, जिनके लिए
किसी की आँखें आज भी नम हैं ।
इश्क , “राज” के सपनों में आने वाली
एक खूबसूरत परी की ,
प्यारी सी एक "प्रेम कहानी" है।
खुशनसीब हैं , वो लोग जिनको
आज भी याद वो कहानी जुबानी है।
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फिर भी मुझे यह कहना है कि, "प्यार" को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। "प्यार" एक खूबसूरत अहसास है जिसको सिर्फ़ महसूस किया जा सकता है। यह "अहसास" ही उम्र भर एक दूसरे को "प्यार" के बंधन में बांधे रखता है।

2 comments:

  1. इश्क अँधा नहीं , इश्क “इंतज़ार” है ,
    किसी नज़र को, आज भी किसी का इंतज़ार है।
    isaq ko jitana bhi wyaan ki jaaye wah kam lagati hai ..........par ek baat sabse khubsurat hai ........jo hai intajar...

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  2. Aapka hraday se dhanyavaad, Om Arya ji. aapke shabdon se meri kalam ko bal mila hai.

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