Tuesday, July 4, 2017

"शलभ..."

"शलभ" नाम है मेरा,
बड़ी दूर से आया हूँ।
हालातों की तेज तपन में,
चन्दन की खुशबू  लाया हूँ।
कंकरीट के इस शहर को,
अपना बनाने आया हूँ।
कुछ गीत नये लिखने आया हूँ।
कुछ कवितायेँ सुनने आया हूँ।
@ शलभ गुप्ता "राज"

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