प्लास्टिक की मुस्कान है हर चेहरों पर,
सच्चे इश्क़ करने वाले अब नहीं मिलते।
चाहे कितनी ही बारिशें हों धरती पर,
आसमान में अब इंद्रधनुष नहीं दिखते।
सच्चे इश्क़ करने वाले अब नहीं मिलते।
चाहे कितनी ही बारिशें हों धरती पर,
आसमान में अब इंद्रधनुष नहीं दिखते।
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