Sunday, May 9, 2010

"माँ" सिर्फ एक शब्द नहीं,


"माँ" सिर्फ एक शब्द नहीं,
सम्पूर्ण जीवन का वृतांत है।
उससे ही है हमारा अस्तित्व ,
संसार में एक पहचान है।
हर दिन उनके लिए ख़ास है,
"माँ" का साथ, जिनके पास है।
माँ के लिए , एक ही दिन नहीं,
सारा जीवन उनके नाम है।
उससे ही है हमारा अस्तित्व ,
संसार में एक पहचान है।

6 comments:

  1. Maa ke ashirwad ki zarurat jeevan me har samay hai.... aapka ashirwad mere jeevan ke liye ek dharohar hai....

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  2. सच है माँ के अस्तित्व से हमारी शुरुआत है ...

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  3. सही कहा आपने रवि जी.... माँ तो बस माँ है ....

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  4. सच है नासवा जी....माँ से ही हमारा अस्तित्व है.... फिर भी हम माँ को भूल जातें है.... बचपन में हमारे बिना कहे ही जो माँ सब कुछ जान लेती है.... कि हमें क्या चाहिए ..... बड़ें होकर हम उससे कहते हैं ... "माँ ... तुम हमारी बात नहीं समझती हो "

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