Thursday, May 20, 2010

"यादों की धुंधली तस्वीरें हैं ..."



"यादों की धुंधली तस्वीरें हैं।
बस तस्वीरें ही तस्वीरें हैं।
मिलना और बिछुड़ जाना ,
अपनी-अपनी तकदीरें हैं।"

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...

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  2. वह ... सच है मिलना और बिछुड़ना तो किस्मत के खेल ही होते हैं .. अच्छा लिख़ाः है आपने ..

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