I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Sunday, October 3, 2010
"आपसे बिछुड़ना इतिहास बन गया ..."
"आपसे" मिलना इत्तफाक था मगर, आपसे बिछुड़ना इतिहास बन गया, एक पल, एक बरस और ..... एक बरस, एक शताब्दी बन गया । आपकी याद में बहने वाला , "राज" का हर एक आंसू "मोती" बन गया। "आपसे" मिलना इत्तफाक था मगर, आपसे बिछुड़ना इतिहास बन गया ।
vythit man ke ahsas ko accha ukera hai....
ReplyDeleteaapka hraday se abhaar...!
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