"गुनगुनी धूप का साथ, मन को बहुत भाने लगा है .."
राह में सूरज ,कोहरे से अठखेलियाँ करने लगा है।इसीलिए शायद,मेरे शहर में , देर से आने लगा है ।अब मुझे देर से जगाने लगा है ।गुनगुनी धूप का साथ,मन को बहुत भाने लगा है ।आओ स्वागत करें हम सब मिलकर ,जाड़ों का मौसम अब आने लगा है ।(अपने गृह नगर - उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से....)शलभ गुप्ताफोटो - आभार गूगल
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