एक सा दिल सबके पास होता है,
फिर क्यों नहीं सब पर विश्वास होता है।
इंसान चाहें कितना ही "आम" क्यों ना हो,
"वह" किसी ना किसी के लिए ज़रूर "खास" होता है।
(I read these lines from a newspaper few times back)
(I read these lines from a newspaper few times back)
shalabh gupta ji baat to bilkul sahi hai har insan kisi na kisi ke liye to khas hota hi hai.
ReplyDeleteदिल तो सबका एक सा होता है .... बार दिमाग़ जो अलग अलग होता है ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सही कहा।
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (15/10/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
@ Vandana ji : These lines are not written by me.
ReplyDeleteI read these lines from a newspaper few times back... I already wrote in this post...
Thanks & regards..
हर इंसान अपने आप में और किसी के लिए बहुत खास होता है ...
ReplyDeleteसही कहा ...!
Sir,Bhut achi lines hai.Dil to sabke pass hota hai par har koi kisi ke liye khas nahi hota.This is true.
ReplyDelete(Sugandha yadav)
@ Sugandha ji : How r u ? Happy to see you on my blog.... hope you are doing well...
ReplyDeletehow's our tata's family ....