Saturday, February 7, 2009

काम ज़रा मुश्किल है ..................

अक्षरों को अनुभव से, शब्दों का रूप देना
शब्दों को अहसास से, दिल में जगह देना।
मात्राओं के मध्यम से, फिर शब्दों को सज़ा लेना।
काम ज़रा मुश्किल है, फिर भी तुम कोशिश कर लेना।
शब्दों को अपना बना कर, फिर कविता में पिरो लेना।
कविता में फिर हाल-ऐ-दिल लिख देना।
पंक्तियों में फिर , उनका ज़िक्र कर देना।
काम ज़रा मुश्किल है, फिर भी तुम कोशिश कर लेना।
कविता को फिर तुम, उनको सुना देना।
सुना ना सको , तो आँखों से ही बयां कर देना।
आंखों ही आंखों में मिल जाएगा उत्तर , देख लेना।
काम ज़रा मुश्किल है, फिर भी तुम कोशिश कर लेना।

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