Monday, November 9, 2009

"कुछ दूर तलक साथ चलो, भूल कर शिकवे-गिले।"



"कुछ कह रहे हैं हमसे.....
काटों संग यह फूल खिले ।
कुछ दूर तलक साथ चलो,
भूल कर शिकवे-गिले।
जब साथ चलोगे,
तो कुछ बात भी होगी।
दूर है बहुत मंजिल ,
राह आसान भी होगी ।
धीरे-धीरे मिट ही जायेंगे,
मन के यह फासले ....
कुछ दूर तलक साथ चलो,
भूल कर शिकवे-गिले।

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