"जख्म कितना भी गहरा सही,
दर्द तो बस छुपाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।
वक्त , हर समय नहीं रहता एक सा....
हर मौसम आना - जाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।
निराश होने से कुछ नहीं हासिल,
जो सह गया काटों की चुभन को,
"गुलशन" उसका हो जाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।"
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