Sunday, September 19, 2010

"अपनी ज़िन्दगी पर एक किताब लिखूं मैं .."

कई बार दिल में आता है,
अपनी ज़िन्दगी पर एक किताब लिखूं मैं ।
किताब के हर पन्नों पर ,
पन्नों की सारी पंक्तियों पर सिर्फ़ तुम्हारा नाम लिखूं मैं ।
कई बार दिल में आता है,
अपनी ज़िन्दगी पर एक किताब लिखूं मैं ।
ख़ुद से खूब बातें करूँ मै ,
बातों मै सिर्फ़ तुम्हारा ज़िक्र करूँ मैं ।
चाय का प्याला देते समय ,
पहली बार मुझे छुआ था तुम्हारी उँगलियों ने।
उस स्पर्श को आज भी महसूस करूँ मै ।
कई बार दिल में आता है,
अपनी ज़िन्दगी पर एक किताब लिखूं मै ।
प्यार की बारिश में भीगे थे हम और तुम ,
बारिशों के मौसम में आज भी रिमझिम बूंदों में,
अपनेपन का अहसास करूँ मैं ।
इस अहसास पर कुछ लिखने का साहस करूँ मैं।
अपनी ज़िन्दगी पर एक किताब लिखूं मैं ।
किताब के हर पन्नों पर सिर्फ़ तुम्हारा नाम लिखूं मैं ।
कई बार दिल में आता है,
अपनी ज़िन्दगी पर एक किताब लिखूं मैं ।

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