"एक नये सफ़र की तैयारी है। "
"
एक जोड़ी पुराने जूते हैं पास मेरे,
और एक नये सफ़र की तैयारी है।मेरे जाने का जबसे पता चला है ,
घर में सबकी आखें भारी हैं ।सबसे बड़ा बेटा हूँ घर का ,
अभी काम बहुत करने हैं ।जीवन रुपी समुन्द्र में ,
सघन मंथन के बाद ही ,
तो अमृत कलश निकलने हैं । "
aapki donon kavitayen padi yahi sach hai amrit pane ke liye kuchh karna padta hai
ReplyDelete@ सुनील जी : मेरे ब्लॉग परिवार में आपका स्वागत है... अपने जीवन के अनुभव ही लिख रहा हूँ.... आपका दिल से आभार....
ReplyDelete