Sunday, December 19, 2010

"तमाम उम्र याद आऊंगा ..."

महकता सा एक अहसास हूँ अपनेपन का ,
हौले-हौले दिल में उतर जाऊँगा ।
भीड़ है बहुत, पकड़ कर चलो हाथ मेरा,
बिछुड़ गया अगर, तमाम उम्र याद आऊंगा ।

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