I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Friday, December 31, 2010
"ऐ- लहरों , हौले-हौले आना ज़रा .."
ऐ- लहरों , हौले-हौले आना ज़रा ।
समुन्दर किनारे घर है मेरा ।
यूँ तो तूफानों से मैं डरता नहीं ।
रेत के घरौंदे अब मैं बनाता नहीं ।
फिर भी, तुम ख्याल रखना ज़रा ।
ऐ- लहरों , हौले-हौले आना ज़रा ।
अजनबी शहर में, कोई नहीं अपना मेरा ।
दिल की बात , तुमसे कहनी है ज़रा ।
बरसों पहले खो गया था एक "मोती" मेरा ।
होंगे लाखों मोती इस समुन्दर में ,
ढूँढना है मुझको , बस वही "मोती" मेरा ।
ऐ- लहरों , हौले-हौले आना ज़रा ।
दिल की बातों को समझो ज़रा ।
समुन्दर से आती हवाओं ने ,
कल रात बताया है मुझे सपनों में ,
बस यहीं मिलेगा "मोती" मेरा ।
ऐ- लहरों, मेरा साथ देना ज़रा ।
ढूँढ कर लाना है, बस वही "मोती" मेरा ।
ऐ- लहरों , हौले-हौले आना ज़रा ।
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आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना !
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