Monday, December 13, 2010

"एक सूर्योदय , फिर नयी शुरुआत है । "

घना अँधेरा और बड़ी लम्बी रात है
चलो, अब कुछ लम्हों की ही तो बात है
खत्म हो जायेगी यह काली रात ,
एक सूर्योदय , फिर नयी शुरुआत है

4 comments:

  1. Kali Raat Ka Apna ROMANCH hain,

    Jitna Ghana Ho Andheri Raat
    Utni Hi Pyaari Subah Hoti Hai ..fir ugate hue "SURAJ " ki lalima , vo dhoop ki kiran
    ShalabhJee Sundar Chitra Hain

    With Love
    Sanjay Sharma

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  2. @ संजय शर्मा जी : आप सब का साथ ही तो मुझे यहाँ तक ले आया है..... सूर्योदय अवश्य ही होगा....जीवन में ख़ुशी के पल भी आयेगें...

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  3. नयी शुरुवात के लिए शुभकामना ...

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  4. @ Deepak Baba Ji : Appka hradey se Abhaar....

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