Wednesday, November 29, 2023

"कवितायेँ तुम्हारी.."

तुम अब, 
खामोश रहने लगे हो। 
बातें भी,
कम करने लगे हो। 
मगर,
कवितायेँ तुम्हारी,
बहुत बोलने लगी हैं। 
मन की बातें,
कहने लगी हैं। 
कल कहा,
किसी ने मुझे। 

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