Monday, February 9, 2009

पुराने दोस्त याद आते बहुत हैं ..........

पुराने दोस्त याद आते बहुत है ,
तनहाइयों में रुलाते बहुत है .
“राज" की जिंदगी की राहों में ,
मोड़ आते बहुत है .
किताब में रखे गुलाब के फूल
और तितलियाँ याद आते बहुत है ।
मै यहाँ ठीक हूँ , यह उनको है ख़बर ,
घर से दूर रहने पर मगर ,
हिचकियाँ आती बहुत है .
तनहाइयों में रुलाती बहुत है .
आंसुओं के समंदर में है , “राज” की जिंदगी
और लोग समझते है , हम मुस्कराते बहुत है "

2 comments:

  1. वो लम्हें जो शायद हमें याद न हों.....

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  2. बहुत अच्छा लिखा है आपने .. मज़ा आ गया पढ़ कर ..

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