Monday, July 26, 2021

आजकल (1)

नेता जी घर घर  जाने लगे हैं। 
शायद चुनाव आने लगे हैं। 
साँझ ढले जो छुप गया सूरज,
जुगनू कैसे टिमटिमाने लगे हैं। 
जरा सी बारिश क्या हुई गांव में,
पोखर के मेंढक टर्राने लगे हैं। 
मार देते हैं जहाँ बेटियां कोख में,
अब मीराबाई को बधाई देने लगे हैं। 
महामारी का असर है अब भी,
लोग कैसे बेपरवाह होने लगे हैं। 
बेटे जाकर बस गए विदेश में,
माँ - बाप जल्दी बूढ़े होने लगे हैं। 


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