Wednesday, July 21, 2021

"इन्द्रधनुष.."

 ऐसा नहीं कि  बूंदों से मुझे प्यार नहीं है।
अब की बारिशों पर मुझे ऐतबार नहीं हैं।
आती हैं घटायें  किसी अजनबी की तरह।
पहले की तरह अब बरसती नहीं हैं।
बूंदों में  अपने पन का अहसास नहीं हैं।
पहले जैसे इन्द्रधनुष  अब बनते नहीं हैं।
ऐसा नहीं कि  बूंदों से मुझे प्यार नहीं है।
अब की बारिशों पर  मुझे ऐतबार नहीं हैं।
बदल गया है वक्त बदल गया ज़माना ,
खुले मन से अब "दोस्त" मिलते नहीं हैं ।
पहले जैसे इन्द्रधनुष अब बनते नहीं हैं ।

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