Wednesday, July 21, 2021

"कुछ पंक्तियाँ .."

[१]
ना बारिशें आयीं ना तुम। 
दोनों पक्के झूठे निकले। 

[२]
रिश्ते जितने कम होंगें। 
दर्द उतने कम होंगें। 

[३]
सीख लिया अब मैंने, दर्द को सहन करना। 
नमक के शहर में, ज़ख्मों को खुला रखना।  

[४]
यूँ तो आज भी, उनसे बातें होती हैं। 
मगर इन बातों में, अब वो बातें नहीं होती। 

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