आसमान से चंदा और तारे, रोज मेरे सपनों में आते हैं सारे।
फिर सारी-सारी रात मुझसे , बातें तुम्हारी करते हैं सारे।
धरती पर रहते हो तुम, मगर आसमान तक चर्चे हैं तुम्हारे।
मेरी तरह चंदा और तारे, प्यार तुम्हे बहुत करते हैं सारे।
फिर सारी-सारी रात मुझसे , बातें तुम्हारी करते हैं सारे।
मेरी हो तुम यह उनको है ख़बर , इसलिए अक्सर उदास हो जाते हैं सारे।
पूनम की चाँदनी रातों में , तुम्हारे घर के आँगन में आ जाते हैं सारे।
फिर धीरे-धीरे चल कर, तुम्हारे कमरे में आकर
सारी-सारी रात तुम्हे निहारतें हैं सारे, आसमान से चंदा और तारे।
करवटें बदलती हो जब तुम, छुप जाते हैं सारे।
फिर अगले दिन मेरे सपनों में आकर बातें तुम्हारी बतातें हैं सारे।
और क्या कहें तुमसे अब हम, दिन में भी आते हैं सपने तुम्हारे।
जब चाहो नज़रें झुका कर देख लेना , दिल में ही रहते हैं हम तुम्हारे।
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