Thursday, April 23, 2009

मेरे गुमसुम से शब्दों को आपने बोलना सिखा दिया ...


मेरे गुमसुम से शब्दों को आपने बोलना सिखा दिया।

आपकी प्यार भरी बातों ने, मुझे कविता लिखना सिखा दिया।

आपका शुक्रिया ; आपका शुक्रिया; आपका शुक्रिया।

मेरी कविताओं को, एक प्यारा सा अहसास दे दिया।

मेरी बेनाम कविताओं को , आपने एक नाम दे दिया।

आपका शुक्रिया ; आपका शुक्रिया; आपका शुक्रिया।

एक घायल पंछी को , आपने उड़ना सिखा दिया।

मेरे दिल को आपने धड़कना सिखा दिया।

आपका शुक्रिया ; आपका शुक्रिया; आपका शुक्रिया।

1 comment:

  1. हमने पढ़ लिया, आपका शुक्रिया

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