Wednesday, April 15, 2009

बच्चों से मिलने के दिन जब करीब आने लगे.



बच्चों से मिलने के दिन जब करीब आने लगे।
बच्चे और भी ज्यादा याद आने लगे।
हमें बहुत याद करते तो होंगें,
दिन भर बातें हमारी करते तो होंगे,
बच्चों से ही घर होता हैं,
"मकान" से "घर" में हम जाने लगे।
बच्चों से मिलने के दिन जब करीब आने लगे।
बच्चे और भी ज्यादा याद आने लगे।
इस उम्र के दौर में, बच्चों के बिना रहना अच्छा ना लगे।
बच्चे "परदेस" में जब से रहने लगे,
हम खोये- खोये से रहने लगे,
बच्चों की तस्वीरें हम बार-बार देखने लगे।
बच्चे और भी ज्यादा याद आने लगे।
दो-चार दिनों में हम भी परदेसी हो जाएँगे,
बच्चों से मिलकर ज़िन्दगी में रंग आ जाएगें ।
बच्चों के लिये पापा ढेर सारे खिलोनें लेकर जाएगें।
बच्चे हमे देखकर बहुत खुश हो जाएँगें।
बच्चे और भी ज्यादा याद आने लगे।
आसमान में पंछी गीत मिलन के गाने लगे।
मिलने की खुशी में खामोश लब हमारे मुस्कराने लगे।
बच्चों से मिलने के दिन जब करीब आने लगे।
बच्चे और भी ज्यादा याद आने लगे।

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