आप से हुयी मुलाकात, हकीकत है या सपना।
जब से गये हैं आप हम से मिलकर,
बस तभी से ढूँढ रहे हैं दिल हम अपना।
आपकी ओर से आ रही हवाओं में
अपनेपन का एक प्यारा सा अहसास है।
यह अहसास ही अब मेरे साथ है।
मेरी हिचकियाँ कह रही, याद कर रहा कोई अपना।
जब से गये हैं आप हम से मिलकर,
बस तभी से ढूँढ रहे हैं दिल हम अपना।
बस तभी से ढूँढ रहे हैं दिल हम अपना।
रिश्ते पहले बन जाते हैं, जन्म हम बाद में पाते हैं ।
यह पता चला मुझे आपसे मिलकर,
मानों कई जन्मों का रिश्ता हो अपना।
जब से गये हैं आप हम से मिलकर,
बस तभी से ढूँढ रहे हैं दिल हम अपना।
राज सारे दिल के खोल रहा कंगना।
बार-बार एक ही बात कह रहा कंगना।
बस अब मुझे "सजना" के लिए ही है सजना।
जब से गये हैं आप हम से मिलकर,
बस तभी से ढूँढ रहे हैं दिल हम अपना।
No comments:
Post a Comment