Wednesday, May 6, 2009

मुल्कराज आनंद जी की एक कहानी ( Happy Mother's Day - 10 May 2009)

आज मैं आपको मुल्कराज आनंद जी की एक कहानी सुनाना चाहता हूँ। यह एक अत्यन्त भावनात्मक कहानी है। मेरा विश्वास है कि आपके दिल को छू जायेगी ।

एक बच्चा अपनी माँ की उंगली पकड़कर मेले में जाता है। वहां सुंदर गुब्बारे , लाल-हरी ज़री की टोपियाँ , वर्फी- जलेबी मिठाई की दुकानें देखकर बच्चा एक के बाद एक चीज मागंता है।

माँ के पास पैसे नहीं थे। इसलिए वह बच्चे को कुछ नहीं दिला पाती है। बच्चे को गुस्सा आता है, उसे अपनी माँ बुरी लगने लगती है। भीड़ में माँ की उंगली छूट जाती है।

बच्चा खो जाता है। मारे डर के जब वह रोने लगता है तब गुब्बारेवाला, टोपीवाला, मिठाईवाला उसे अपनी-अपनी चीजें देकर शांत करने की कोशिश करते हैं। बच्चा हर चीज लेने से इनकार कर देता है। उसे सिर्फ़ अपनी माँ चाहियें।

आपका ही ,
शलभ गुप्ता

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