Saturday, May 30, 2009

"हम भारतीयों के जिस्म पर ही बार-बार आतंकवाद और नस्लवाद के घाव क्यों"



कभी कभी, हमारे विचारों में मतभेद हो सकता है। लेकिन ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर हो रहे हमलों ने हम सबकी भावनाओं को बहुत आहत किया है। मेरी इस बात से आप सभी सहमत होंगें। ऐसा मेरा विश्वास है।
इस ब्लॉग के माध्यम से हम सभी इस घट्ना का कड़े शब्दों में विरोध करते हैं, और दोषी व्यक्तियों के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही के लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार से मांग करते हैं।

"हम सब एक हैं, हमे अपने देश और दुनिया में रहने वाले हर भारतीय से प्यार है।" यह संदेश इस ब्लॉग के माध्यम से हमे पूरी दुनिया के हर इंसान तक पहुँचाना है।

हम भारतीयों के जिस्म पर ही बार-बार आतंकवाद और नस्लवाद के घाव क्यों ? आख़िर कब तक हम सहेंगें ? कब तक ....? "दुश्मन को भी क्षमा करने की हमारी संस्कृति" का कब तक यह दुनिया फायदा उठाती रहेगी ? कब तक ....?

जय हिंद !

आपका हमवतन,

शलभ गुप्ता

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