Thursday, November 18, 2010

"ख़ुशी का "एक आंसू" बन जाऊँ मैं ..."



"किसी की पथरायी आँखों के लिए ,

ख़ुशी का "एक आंसू" बन जाऊँ मैं ।

चाहे अगले ही पल बह जाऊँ मैं ।

एक पल में कई ज़िन्दगी जी जाऊँ मैं ,

चाहे अगले ही पल फ़ना हो जाऊँ मैं

(फोटो आभार - गूगल)

6 comments:

  1. बेहतरीन भावाव्यक्ति।

    ReplyDelete
  2. @ Vandana ji : आपका धन्यवाद, बस यही मेरा जीवन है....

    ReplyDelete
  3. Ye moti hain shalabh jee, inhe sambhal ke rakhiye ...bahut kaam aenge ....sundar rachna hain aapki:)))

    ReplyDelete
  4. @ संजय शर्मा जी (Common Man -Sharing): आप तो जानते ही हैं...कुछ नहीं हैं पास मेरे....बस यही शब्द मेरी पूँजी हैं...
    और अब मैं बहुत खुश हूँ.... ज़िन्दगी में जीने की एक नयी उम्मीद जगी है.... अभी बहुत काम करना बाकी है ... आप सबकी शुभकामनायें चाहियें....

    ReplyDelete
  5. bahut sunder bhav.......
    gagar me sagar.........

    ReplyDelete
  6. @ Apanatva ji : Agar hum kisi ke jeevan me muskarahat la sake, vahi jeevan safal hai....varna yah jeevan jeena vyarth hai...

    ReplyDelete