Tuesday, March 3, 2009

मन में विश्वास लाकर तो देखो .......



मन में विश्वास ला कर तो देखों ,

आत्मविश्वास से हाथों को , ऊपर उठा कर तो देखों,

आकाश तुम्हारी मुट्ठी में ख़ुद ही आ जायेगा ।

तूफानों में कश्ती चला कर तो देखों ,

हौसलों से भंवर पार कर के तो देखों,

कश्ती को तुम्हारी ख़ुद ही किनारा मिल जायेगा ।

पतझड़ के मौसम में , बहारों को बुला कर तो देखों,

बिना मौसम के भी , फूल खिला कर तो देखों,

रेगिस्तान में भी बागवां बन जायेगा ।

बीते हुए कल को भुला कर तो देखों ,

वर्तमान में एकाग्रता लाकर तो देखों,

भविष्य का हर सपना तुम्हारा ख़ुद ही साकार हो जायेगा ।

पत्थरों में आस्था जगाकर तो देखों,

एक बार मन्दिर जाकर तो देखों,

भगवान् का आशीर्वाद तुम्हें ख़ुद ही मिल जायेगा ।

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