Friday, March 27, 2009

मेरी कविताओं की व्याख्या करनी है अगर तुम्हें .......



मेरी कविताओं की व्याख्या करनी है अगर तुम्हें,
मेरे शब्दों के अर्थ सारे समझने होंगें तुम्हें।
तो आ जाओ करीब मेरे मेरी कविताओं की प्रेरणा बनकर,
अर्थ सारे ख़ुद ही समझ में आने लगेगें तुम्हें ।
मेरे परों की उड़ान देखनी है अगर तुम्हें, नये आकाश बनाने होंगें तुम्हें।
तो आ जाओ साथ मेरे उड़ने के लिए आकाश में ,
मेरी बातों पर यकीन आ जायेगा तुम्हे ।
मेरे साथ ज़िन्दगी अगर बितानी है तुम्हें,
मेरी बीती हुई ज़िन्दगी में जाना होगा तुम्हें,
तो आ जाओ मेरे वर्तमान में , मेरा भविष्य बनकर ।
मेरे ज़िन्दगी की कोरी तस्वीरों में रंग भरने होंगें तुम्हें।
मेरे संग दोस्ती अगर करनी है तुम्हें,
मेरे दुश्मनों को भी जानना होगा तुम्हें।
तो आ जाओ इस दुश्मन दुनिया में मेरे दोस्त बनकर,
दोस्ती के नये आयाम मिलेंगें तुम्हें।

No comments:

Post a Comment