बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जायेगा।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
जीने को तो, जी ही लेंगे हम मगर ......
बिना साँसों के फिर कैसे जिया जायेगा।
कुछ ही दिनों में वो लम्हा भी करीब आ जायेगा।
सोने के रथ पर हो कर सवार , आयेगा सपनों का राजकुमार।
ले जायेगा तुमको सात समुन्दर पार, हर शक्स बस देखता रह जायेगा ।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
नाजुक सी टहनियों पर , फूलों की लड़ियाँ ।
वो खिलती कलियाँ , घर में आती ढेरों खुशियाँ ।
माता-पिता की अनमोल धरोहर हैं बेटियाँ ।
अपने घर में भी मेहमान होती हैं बेटियाँ ।
फूलों पर ओंस की बूंदों जैसी होती हैं बेटियाँ ।
विदा करके उनको निभाना है दस्तूर।
फिर उम्रभर बहुत याद आतीं हैं बेटियाँ ।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
आखों में मोती बनकर हमेशा के लिए ,
बस यादों का सिलसिला रह जायेगा।
बेटी के बिना पापा का दिल कब तक रह पायेगा।
आखों में आंसुओं के समुन्दर उमड़ आयेगें ,
कलेजे के टुकड़े को जब बाबुल, ख़ुद अपने हाथों से विदा करके आयेगें ।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
बहना तुमसे अब कभी नहीं लडूंगी मैं, खिलोने सारे अपने तुम्हे दे दूंगी मैं।
हमेशा तुम्हारा कहना मानूंगी मैं ........
खिलोनों की अलमारी में रखी मेरी गुडिया को अब कौन सजायेगा ?
गुडिया-गुड्डे का ब्याह रचाना बहुत याद आयेगा ।
मिटटी के बर्तनों में खाना बनाना , बहुत याद आयेगा ।
बचपन का हर लम्हा , बार-बार रुलाएगा ।
अब मुझे पढ़ाई की बातें कौन बतायेगा ?
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
जीवन आपका संगीतमय हो जायेगा .....
आपके गीतों को नया सुर मिल जायेगा ......
जब आपको , आपके मन का मीत मिल जायेगा।
शुभकामनाएं है हमारी आपको .......
खुशियों से भरा रहे आपका आँचल .....
फूलों से महकता रहे आपका नया आँगन ।
जिंदगी का हर सपना सच हो जायेगा।
आपका जीवन चंदन हो जायेगा।
जिस घर में तुम जाओगी , वो घर मन्दिर हो जायेगा।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
आपकी इस कविता ने तो ख़ूब रूला दिया हमें।
ReplyDeleteMujhe bhi bhaut rulaya hai is kavita ne....
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