I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Monday, March 30, 2009
मेरी दांडी यात्रा ............
दांडी की पगडंडियों पर आज चले हम पहली बार ,
गाँधी जी के पावन चरणों में लाखों नमन बार-बार .
पगडंडियों पर चलते -चलते हमने ,
महात्मा के पद-चिन्हों को महसूस किया हर बार।
वक्त की चली आंधियां हजारों मगर ,
निशान महात्मा के और भी स्पष्ट हुए हर बार ।
दांडी की पगडंडियों पर आज चले हम पहली बार ,
यात्रा के संस्मरण सुना रहे हैं होकर भावः विभोर,
इस बार जाना है हमको पोरबंदर की ओर।
गाँधी और गुजरात से अपना कोई नाता है ज़रूर ।
वरना अपने घर से कौन आता है इतनी दूर ।
मित्र कल्पेश जी का हम ह्रदय से व्यक्त करतें हैं आभार,
जिनके कारण दांडी जाने का सपना हुआ साकार।
दांडी की पगडंडियों पर आज चले हम पहली बार,
गाँधी जी के पावन चरणों में लाखों नमन बार-बार ।
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it helped me in my project
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